Tuesday, 2 September 2014

6. श्री गिरजात्मज गणपति मंदिर

6. श्री गिरजात्मज गणपति मंदिर






गिरितात्म अष्ट विनायक मंदिर तीर्थ यात्रा पर दौरा किया छठे भगवान गणेश मंदिर है । यह एक पहाड़ पर है और बौद्ध गुफाओं के स्थान पर बनाया गया है । एक मात्र मंदिर है इधर भगवान गणेश गिरिजात्माजा के रूप में पूजा जाता है । लेनयादरी पहाड़ पर 18 बौद्ध गुफाओं में से 8वीं गुफा में गिरजात्मज विनायक मंदिर है । इन गुफाओं को गणेश गुफा कहा जाता है । 












मंदिर तक पहुंचने के लिए 307 सिढ़ियों चढ़नी पड़ती हैं । पूरा मंदिर ही एक बड़े पत्थर को काट कर बनाया गया है । मंदिर का मुख्य द्वार दक्षिण की ओर है । मुख्य मंदिर के सामने एक विशाल सभामंडप जो 53 फीट और 51 फीट का है जिसमें कोई भी स्तंभ नहीं है । इस हाॅल में 18 छोटे छोटे अपार्टमंेट हैं और श्री गिरिजात्मक विनायक की मूर्ति मध्य के अपार्टमेंट में     स्.थापित किया गया है । भगवान गणेश की छवि उसके सिर बाईं और कर दिया साथ, एक चट्टान में नक्काशीदार बाहर एक फ्रेस्को है । 













  मुख्य मंदिर की ऊंचाई केवल 7 फीट है जिसमें 6 स्तंभ है जिनमें गाय, हाथी आदि की आकृति उकेरी गई है । मुख्य मंदिर से एक नदी बहती है जिसके किनारे पर जूनार शहर बसा है । मंदिर में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है । मंदिर का निर्माण इस तरह किया गया है कि मंदिर में दिन भर सूर्य की किरणों से प्रकाश रहता है । यह जगह गणेश पुराण में  जिरनापुर या लेखन पर्वत गणेश पुराण के रूप में जाना जाता है । गिरिजात्मज विनायक मंदिर सहित सभी 30 लेनयादरी गुफाएं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रण में हैं । 




गिरिजात्मज विनायक पार्वती के पुत्र के रूप में गणेश को दर्शाता है । यह मंदिर पुणे नासिक राजमार्ग पर पुणे से करीब 90 किलोमीटर दूर है जो नारायणगांव से 12 किलोमीटर की दूरी पर है । यहां मूर्ति एक अलग मूर्ति नहीं है । लेकिन मूर्ति का केवल एक ही आंख से देखा जा सकता है जिसमें से गुफा का एक पत्थर की दीवार पर उकेरी गई है । गिरजात्मज सचमुच गणेश गिरिजा (देवी पार्वती) के बेटे का मतलब है ।


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