3.श्री बल्लालेश्वर मंदिर
श्री बल्लालेश्वर मंदिर अपने भक्त
का नाम और जो एक ब्राहम्ण की तरह कपड़े पहने है । यह मंदिर गोवा राजमार्ग पर
नागोथाने से पहले से 11 किलोमीटर, मुंबई पुणे हाइवे बांद, पाली से टोयन में स्थित
है । एक लड़का बल्लाल भगवान गणेश का प्रबल भक्त था । एक दिन उसने अपने पाली गांव
में एक विशेष पूजा का आयोजन किया जिसमें भाग लेने के लिए गांव के सभी बच्चों को
आमंत्रित किया और पूजा कई दिनों तक चली , समपिर्त बच्चों बल्लाल की पूजा के पूरा
होने से पहले घर लौटने से इन्कार कर दिया । इससे बच्चों के माता पिता नाराज होकर
बल्लाल के पिता कल्याणी सेठ से शिकायत की तो उन्होंने जगंल जाकर जहां यह पूरा चल
रही थी भगवान गणेश की मूर्ति को एवं बल्लाल को पीटा एवं गंभीर हालत में जंगल में
फेंक दिया । पर भक्त बल्लाल गणेश जप करता रहा तब गणपति ने दर्शन दिये तो बालक
बल्लाल ने इसी गांव में निवास का आग्रह किया तब भगवान गणेश ने अपनी सहमति दी और
कहा कि यह स्थान एवं मंदिर बल्लाल के नाम से ही जाना जाएगा ।
बल्लालेश्वर पाली
पहुंचने के लिए जो कि रायगढ़, तालुका सुधागढ़ में स्थित है । पाली कर्जत से लगभग 50
किलोमीटर की दूरी पर है । यह स्थान खोपोली पूणे से 80 किलोमीटर की दूरी पर है ।
भगवान गणेश एक बहुत लोकप्रिय देवता हैं । भगवानों में सबसे पहला और सबसे
महत्वपूर्ण अधिकार भगवान गणपति की पूजा का है । गणपति सभी बाधाओं और दर्द को दूर
कर भक्त की इच्छाओं की पूर्ति कर खुशी प्रदान करते हैं । गणपति को बुद्धि और कला
का भगवान माना जाता है ।
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