5. चिंतामणि गणपति (थेयूर)
चिंतामणि गणपति (थेयूर) मंदिर हवेली तालुका जो पुणे जिले में पवित्र
स्थान जो कि तीन नदियों के संगम, भीम
,मुला और मुथा पर स्थित है । यह पांचवा अष्टविनायक मंदिर है । अगर आप खुशिओं की
तलाश में हैं और आपका मन विचलित रहता हो और चिंताएं आपको घेरे रहती हों तो आप
थेयूर आएं और श्री चिंतामणि गणपति की पूजा करें सभी चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी ।
भगवान ब्रहमा ने अपने विचलित मन को वश में करने के लिए यहां पर तपस्या की थी ।
कथा - राजा अभिजीत और रानी गुनावती
ने पुत्र प्राप्ति के लिए ऋषि वैशम्पायन की सलाह पर कई वर्षो तक तप किया उन्हें एक
बेटा जिसका नाम गणराजा रखा गया, जो बहुत बहादुर पर गुस्सेवाला था एक शिकार अभियान
में उसे ऋषि कपिला के आश्रम में रूकना पड़ा । बाबा कपिला ने गणराजा का स्वागत किया
साथ ही पूरी सेना को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया । भगवान इंद्र ने ऋषि
कपिला को चिंतामणि दी थी जिससे जो मांगों वह बात पूरी होती थी । चिंतामणि की शक्ति
को देख लालची गणराजा ने ऋषि कपिला से उसे देने को कहा पर उन्होंने मना कर दिया तब
गणराजा ने बलपूर्वक उनसे चिंतामणि छीन ली । बाबा कपिला निराश होकर देवी दुर्गा की
सलाह से भगवान गणेश की पूजा करने लगे तब गणेश ने प्रसन्न होकर गणराजा से युद्ध कर
चिंतामणि वापस ले ली और राजा अभिजीत को दी, पर जब उन्होंने चिंतामणि बाबा कपिला को
लौटाना चाही तो उन्होंने उसे लेने से इंकार कर दिया ।
भगवान गणेश और गणराजा के बीच
युद्ध एक कंदब के पेड़ के पास हुई तभी से इस गावं का नाम कदंब तीर्थ पड़ गया ।
मंदिर - मंदिर का मुख्य द्वार
उत्तर दिशा की ओर है । मंदिर का हाॅल लकड़ी से बना है और हाॅल में काले पत्थर से
बना एक छोटा सा फुब्बारा है । मंदिर की एक बड़ी घंटी मुख्य मंदिर के बाहर से देखी
जा सकती है
No comments:
Post a Comment