गणेश चतुर्दशी / गणेश विसर्जन (14.31 से 10.48 )
गणेश उत्सव भाद्रपद माह में 10
दिनों के लिए मनाया जाता है । उत्सव के अंतिम दिन गणेश विसर्जन के रूप में जाना
जाता है । अंतिम दिन दूब, नारियल, लडडू, मोदक और लाल फूलों के साथ पूजा करके भगवान गणेश प्रतिमाओं को काफी
धूमधाम के साथ सड़क जुलूस के माध्यम पानी में विर्सजित किया जाता है । हजारों
श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल होने और भगवान गणेश के जप के साथ पूरे वातावरण को
‘‘ गणपति बप्पा मोरिया और गणेश महाराज की जय की ध्वनि के साथ निकलते हैं ।
अनंत
चतुर्दशी हिन्दू त्यौहार है । इस दिन सभी गणेश घरों और समुदायों में लाकर
मूर्तियों को समुद्र, झीलों, और नदियों में विसर्जित किया जाता है । अनन्त
चतुर्दशी त्यौहार भगवान अनन्त (भगवान विष्णु) के सम्मान में मनाया जाता है । इस
व्रत को रखने से धन और प्रसिद्धि प्राप्त होती है । लोग अनंत चतुर्दशी पर भगवान
अनंत के रूप में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं । भगवान विष्णु के साथ-साथ ,
शेषनाग भी अनंत चतुर्दशी पर पूजा जाता है ।
सफेद फूल चढ़ाने से सफलता और
प्रसिद्धि मिलती है । सिंदूर लगाना सौभाग्य लाता है , अगरबत्ती, धूप प्रसिद्धि
लाता है ।
मिठाई - मोदक, लडडू आपकी इच्छाओं को पूरी करने में मदद करता है ।
मंत्रों का जाप और फूलों की भेंट आपकी गलतियों के लिए क्षमा प्रदान करती है । 21
तिपतिया दूब, लाल फूल, नारियल, गुड़, 21 मोदक का प्रसाद, मूर्ति कुमकुम और चंदन के
साथ अभिषेक किया जाना चाहिए ।
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