6. श्री गिरजात्मज गणपति मंदिर
गिरितात्म अष्ट विनायक मंदिर तीर्थ
यात्रा पर दौरा किया छठे भगवान गणेश मंदिर है । यह एक पहाड़ पर है और बौद्ध गुफाओं
के स्थान पर बनाया गया है । एक मात्र मंदिर है इधर भगवान गणेश गिरिजात्माजा के रूप
में पूजा जाता है । लेनयादरी पहाड़ पर 18 बौद्ध गुफाओं में से 8वीं गुफा में
गिरजात्मज विनायक मंदिर है । इन गुफाओं को गणेश गुफा कहा जाता है ।
मंदिर तक
पहुंचने के लिए 307 सिढ़ियों चढ़नी पड़ती हैं । पूरा मंदिर ही एक बड़े पत्थर को काट कर
बनाया गया है । मंदिर का मुख्य द्वार दक्षिण की ओर है । मुख्य मंदिर के सामने एक
विशाल सभामंडप जो 53 फीट और 51 फीट का है जिसमें कोई भी स्तंभ नहीं है । इस हाॅल
में 18 छोटे छोटे अपार्टमंेट हैं और श्री गिरिजात्मक विनायक की मूर्ति मध्य के
अपार्टमेंट में स्.थापित किया गया है
। भगवान गणेश की छवि उसके सिर बाईं और कर दिया साथ, एक चट्टान में नक्काशीदार बाहर
एक फ्रेस्को है ।
मुख्य मंदिर की ऊंचाई
केवल 7 फीट है जिसमें 6 स्तंभ है जिनमें गाय, हाथी आदि की आकृति उकेरी गई है ।
मुख्य मंदिर से एक नदी बहती है जिसके किनारे पर जूनार शहर बसा है । मंदिर में कोई
बिजली का कनेक्शन नहीं है । मंदिर का निर्माण इस तरह किया गया है कि मंदिर में दिन
भर सूर्य की किरणों से प्रकाश रहता है । यह जगह गणेश पुराण में जिरनापुर या लेखन पर्वत गणेश पुराण के रूप में
जाना जाता है । गिरिजात्मज विनायक मंदिर सहित सभी 30 लेनयादरी गुफाएं भारतीय
पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रण में हैं ।
गिरिजात्मज विनायक पार्वती के पुत्र के
रूप में गणेश को दर्शाता है । यह मंदिर पुणे नासिक राजमार्ग पर पुणे से करीब 90
किलोमीटर दूर है जो नारायणगांव से 12 किलोमीटर की दूरी पर है । यहां मूर्ति एक अलग
मूर्ति नहीं है । लेकिन मूर्ति का केवल एक ही आंख से देखा जा सकता है जिसमें से
गुफा का एक पत्थर की दीवार पर उकेरी गई है । गिरजात्मज सचमुच गणेश गिरिजा (देवी
पार्वती) के बेटे का मतलब है ।
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