हरसिद्धि मंदिर उज्जैन - 52वां
शक्तिपीठ
हरसिद्धि मंदिर 52 वां शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है ।
हरसिद्धि मंदिर उज्जैन के मंदिरों के शहर में एक महत्वपूर्ण मंदिर है । यह मंदिर
देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है जोे गहरे सिंदूरी रंग में रंगी है । देवी
अन्नपूर्णा की मूर्ति देवी महालक्ष्मी और देवी सरस्वती की मूर्तियों के बीच
विराजमान है ।
श्रीयंत्र शक्ति की शक्ति का प्रतीक है और श्रीयंत्र भी इस मंदिर
में प्रतिष्ठित है । पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव सती
के शरीर को ले जा रहे थे, तब उसकी कोहनी इस जगह पर गिरी थी । मंदिर का पुनिर्माण
मराठों ने किया अतः मराठी कला दीपकों से सजे हुए दो खंभों पर दिखाई देती है ।
मंदिर के शीर्ष पर एक सुन्दर कलात्मक स्तंभ है इस देवी को स्थानीय लोगों द्वारा
बहुत शक्तिशाली माना जाता है । इस मंदिर के परिसर में एक प्राचीन कुँआ है । उज्जैन
में हरसिद्धि मंदिर हिन्दू धर्म में शक्तिपीठ में से एक है और वास्तुकला का मराठा
शैली का प्रतीक है ।
देवी के शरीर के अन्य भागों में गिर स्थानों पर जहां भारत में
शक्तिपीठों के बाकी का गठन किया है । नवरात्रि पर 15 फुट ऊंचाई के दो दीप स्तंभों
को प्रकाशवान किया जाता है ।
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