Friday, 22 August 2014

बछ बारस पूजा - शुभकामनाएं

बछ बारस पूजा - शुभकामनाएं















बछ बारस (वत्स द्वादशी)  प्राचीन हिन्दू परंपरा के अनुसार सुहागिनें और माताएं बछड़े वाली गाय की पूजा करते हुए संतान की सकुशलता की कामना की जाती है । बछ बारस का पर्व श्रद्धा व उल्लास से मनाया जाता है । गाय में देवताओं का वास होता है ।







 .बछ बारस पूजा पुत्र की लंबी आयु के लिए की जाती है जिसमें दिन भर उपवास रख कर  गाय और बछड़े की पूजा की जाती है । गोपाल मंदिर में मक्का व बाजरा से बने व्यंजन का भोग लगाकर उद्यापन किया जाता है । महिलाओं द्वारा धार्मिक परंपराओं के अनुरूप इसे मनाया जाता है । 













मालवा, राजस्थान सहित भारत में माताएं अपने संतान की सुख समृद्धि एवं लंबी उम्र के लिए गाय-बछड़े की पूजा करती है । सार्वजनिक स्थानों  पर आवारा गायों को हरा चारा खिलाकर पुण्य कमाया जाता है । इस पर्व में महिलाओं ने व्रत-उपवास आदि रखकर अपने पुत्र की सुख-समृद्धि एवं लम्बी उम्र की कामना की जाती है । घरों में मूंग और चने के व्यंजन बनाए जाते हैं एवं महिलाएं चाकू से कटी खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करती हैं ।




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