Saturday, 5 July 2014

चीकू - पौष्टिक फल

चीकू - पौष्टिक फल

 चीकू एक ऐसा फल है जो हर मौसम में आसानी से मिल जाता है । चीकू भूरे पीले  रंग का सुगंधित, रसदार बहुत मीठा फल है जो थोड़ा दानेदार एवं पौष्टिकता से भरपूर होता है तथा मुख्य रूप से लम्बा गोल, साधारण लम्बा गोल और गोल आकार का फल है । गोल चीकू की अपेक्षा लम्बे चीकू श्रेष्ट माने जाते हैं । गर्मियों में चीकू खाने से शरीर में विशेष प्रकार की ताजगी और फुर्ती आती है । चीकू फल शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक है । कच्चे चीकू बिना स्वाद के और पके चीकू बहुत मीठे और स्वादिष्ट होते हैं । चीकू उष्णकटीबंधीय सदाबहार वक्ष है जिसमें फल वर्ष में दो बार प्रति पेड़ लगभग 500 से 1000 तक फल लगते हैं ।













चीकू के गुण एवं उपयोग:
1. चीकू हृदय और रक्तवाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है । यह हृदय और गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है । 
2. चीकू फाइबर का अच्छा स्त्रोत है (5.6 ग्राम/100 ग्राम) जो कि कब्ज और दस्त की बीमारी को ठीक करने में बहुत सहायक होता है । चीकू खाने से पेट के कैंसर का खतरा कम होता है
3. चीकू में एंटी आॅक्सीडेंट यौगिक पालीफिलोलिक टेनिर होता है जो जीवाणु विराधी, विषाणु विरोधी और परजीवी विरोधी है यह रसायन अतिसारीय (रक्त स्त्राव रोधक ) जो बवासीर के लिए अति उपयोगी औषधी का काम करता है ।
4. चीकू गेस्ट्राटीस, आंत शोथ और आंत विकारों में बहुत लाभकारी है ।
5. पके चीकू में पोटेशियम, तांबा, लोहा, विटामिन ए, बी, सी, फोलेट, नियासिन, और पेन्टोथेनिक अम्ल आदि खनिज बहुतायत भरपूर मात्रा में होने से वे शरीर की चयापयच प्रक्रिया क्रियांवित कर स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं ।
6 चीकू में बीटाक्रप्टोजेनथीन जो कि फेफड़ों के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है ।
7.चीकू एनिमिया होने से रोकता है ।
8 चीकू फल शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक हैं ।
9. चीकू के बीज मृदुरेचक और मूत्रकारक माने जाते हैं । चीूकू के बीज में सापोनीन एवं संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है ।
10 चीकू खाने से शरीर में विशेष प्रकार की ताजगी और फुर्ती आती है क्योंकि ऊर्जा का एक अच्छा स्त्रौत है इसके गूदे में 14 प्रतिशत शर्करा होती है ।
11. चीकू के पेड़ से ‘‘ चिकल ’’ नामक गोंद निकाला जाता है उससे चबाने का गोंद ‘‘ च्यूंइगम ’ बनता है । यह छोटी छोटी वस्तुओं को जोड़ने के काम आता है । 
12. चीकू के पेड़ की छाल बाधक, शक्तिवर्धक और बुखारनाशक होती है ।
13. चीकू का उपयोग नास्ते, फलाहार, चीकू का हल्वा, चीकू शेक बनाने में होता है ।


 


14. समुद्री मछुआरे इसे पेड़ की छाल नाव मरम्मत के काम में लाते हैं ।
15. चीकू गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में उपयोगी है जो कि कमजोरी, मतली और चक्कर आने जैसे गर्भावस्था के लक्षणों केा कम करने में सहायक होता है ।
चीकू की तीन किश्मों में:
लंबा गोल, साधारण लंबा गोल और गोल प्रसिद्ध हैं । चीकू को पेड़ नम और गर्म वातावरण में अच्छे फलते फूलते हैं । इनके लिए गहरी चिकनी मिटटी अच्छी मानी जाती है । चीकू के पौधे भेंट कलम यानि इनाचिंग या गूटी बांधकर तैयार किए जाते हैं । काली पटटी, छतरी और क्रिकेट बाॅल इसकी प्रमुख किस्में हैं ।
भारत में चीकू अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय भाग से लाया गया था चीकू का पका फल स्वादिष्ट होता है तथा इसका प्रयोग खाने के साथ साथ जैम, जैली आदि बनाने में किया जाता है इसकी खेती हरियाणा के पूर्वी क्षेत्र में सफलतापूर्वक की जाती है ।
.किस्में - 1. काली पत्ती - इस किस्म के फल अण्डाकार रसीले, सुगंधित व उत्तम गूददे वाले तथा 1 से 4 बीज वाले होते हैं ।  फल गुच्छों में नहीं अपितृ अकेले लगते हैं । फल मुख्यतः सर्दियों में पकते हैं । 2. क्रिकेट बाल - इस किस्म के फल बहुत बड़े आकार के व गोलाकार होते हैं । गुददा सख्त व दाने दार परन्तु बहुत मीठा होता है । काली पत्ती के मुकाबले पैदावार कम परन्तु हरियाणा की जलवायु के लिए अति उपयुक्त । 3. बारामासी - इस किस्म के फल मध्यम व गोलाकार होते हैं ।











उपज - चीकू का पेड़ तीन चार साल बाद फल देने लग जाता है । जो फल गर्मी में तैयार होते हैं वह अधिक मीठे होते हैं विकसित पेड़ से 150 से 200 किलोग्राम फल प्राप्त होते हैं । चीकू ठीक से पके हुए ही खाने चाहिए । कच्चे चीकू नहीं खाने चाहिए । कच्चे चीकू कब्ज (पेट में गैस) पैदा करते हैं और पेट को भारी करके दर्द भी पैदा करते हैं । पके चीकू का नाश्ते और फलाहार में उपयोग होता है । कुछ लोग पके चीकू का हलुवा बनाकर खाते हैं । इसका हलुवा बहुत ही स्वादिष्ट होता है । चीकू के पेड़ से ‘‘चिकल’’ नामक पदार्थ पैदा होता है । चीकू के पेड़ की छाल से चिकना दूधिया- ‘‘रस चकिल’’ नामक गौंद निकाला जाता है । उससे चबाने को गौंद च्युंइगम बनता है । यह छोटी छोटी वस्तुओं को जोड़ने के काम आता है । दंत विज्ञान से संबन्धित शल्य क्रिया में ‘‘ ट्रांसमीशन बेल्टस’’ बनाने को इसका उपयोग होता है ।‘‘ गटापची’’ नामक पदार्थ के बदले भी इसका उपयोग होता है । चीकू की छाल बाधक,शक्तिवर्धक और बुखारनाशक होती है । इस छाल में टेनिन होता है । दक्षिण लुजोन के मछुए नौकाओं के पाल और मछलियों के पकड़ने के साधन रंगने के लिए इसकी छाल का उपयोग करते है। ।
चीकू का पौषक मान (100 ग्राम): -
ऊर्जा 83 कि.कैलारी, (सभी मानक प्रतिशत में) कार्बोहाइडेट 15, प्रोटीन 1, वसा 3.5, फोलेट 3.5, नायसिन 1, पायरोउेक्सीन 3, राबोफेविन 1.5, थायमिन 5, विटामिन ए 2, विटामिन सी 24.5, सोडियम 1, पोटेशियम 4, कैल्शियम 2, तांबा 9, लोहा 10, मैग्निशयम 3, फास्फोरस 2, सेलेनियम 1, जस्ता 1 ।








1 comment:

  1. Helllo,
    I had a healthy chikoo plant which dried up suddenly without any insecticides.

    The fruits and leaves dried suddenly.
    I'd like to know if there's a reason for this and if any specific treatment or care is required.
    Waiting for your response,
    Regards

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