पुष्य नक्षत्र 2014 (16 -17 अक्टूबर 2014)
पुष्य नक्षत्र 16 अक्टूबर 2014 को गुरू पुष्य जो खरीदारी के लिए शुभ । इस साल दीपावली से सात दिन पहले ही लगभग 27 घंटे का महामुहूर्त गुरू पुष्य नक्षत्र रहेगा । (16 अक्टूबर दोपहर 12: 48 दिन से 17 अक्टूबर 3: 05 तक ) । धनतेरस से पहले लोग दो दिन तक बाजार से पुष्य नक्षत्र के संयोग में खरीदारी कर सकेंगें । इस पुष्य नक्षत्र पर गुरू उच्च राशि में रहेगा और चंद्रमा भी साथ होने से राजयोग का संयोग बना है । यह संयोग 95 साल बाद आया है । जिसे गजकेसरी नाम का राजयोग कहते हैं । यह संयोग खरीदारी का महामुहूर्त माना जा रहा है । इसलिए आप गुरू से संबंधित वस्तुएं खरीदेंगे तो बहुत लाभ होगा । देवताओं के गुरू बृहस्पति इस नक्षत्र के स्वामी हैं । इस दिन आप किसी भी नए कार्य की शुभ शुरूआत कर सकते हैं, नया व्यापार, आफिस शुरू करना आदि । आप वाहन, मशीन, इलेक्ट्राॅनिक उत्पाद, मकान-दुकान, प्लाॅट, जमीन, सोने-चांदी के आभूषण, हीरा-पन्ना आदि खरीदना शुभ लाभ और समृद्धि में बढोत्तरी करने वाला माना गया है ।
गुरू पुष्य का महत्व - 27 नक्षत्रों में गुरू 8वें स्थान पर यह नक्षत्र आता है इस नक्षत्र का स्वामी शनि है । इस नक्षत्र में स्ािाईत्व का गुण होता है इसलिए इस समय जो भी वस्तु खरीदी जाती है वह स्थाईतौर पर सुख और समृद्धि देती है । इसे संस्कृत मंे अमरेज्य नाम से भी जानते हैं जिसका अर्थ होता है देवताओं द्वारा पूजित ।
निम्न लिखित 5 में से एक उपाय करे आपका जीवन ऐश्वर्य से भरपूर हो जावेगा ।
1. मोती शंख - गुरू पुुष्य योग मंे मोती शंख बहुत चमत्कारी प्रभाव दिखाता है इसकी चमक सफेद मोती के समान होती है, इसका तेज आपकी आर्थिक उन्नति में बहुत सहायक होगा यदि आम मोती शंख मंे जल भर कर लक्ष्मी जी के सामन रखेंगें तो लक्ष्मी जी प्रसन्न हो जावेगी, साथ ही आपको मंत्र ‘‘ श्री महालक्ष्मैं नमः ’’ 11 बार बोले और एक एक चावल दाना शंख में भरते रहें इस प्रकार 11 दिन तक करें आपकी आर्थिक तंगी समाप्त हो जावेगी ।
2. दक्षिणावर्ती शंख - गुरू पुष्य के दिन शुभ मुर्हूत में दक्षिणावर्ती शंख पर केसर से स्वस्तिक चिंह बनाएं और मंत्र का जाप करे ‘‘ ऊं श्रीं हृीं दारिद्र विनाशिन्ये धनधान्य । समृद्धि देहि देहि नमः ’’ तथा हर दिर एक चावल शंख में रोज दीपावली तक डालें । दीपावली पूजा पर इसे सफेद कपड़े में बांधकर पूजा घर, आफिस या कारखाने में रखें आपके यहां कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होगी ।
3. पारद लक्ष्मी - गुरू पुष्य के दिन पारद लक्ष्मी की प्रतिमा (पारे से बनी मूर्ति) खरीदना बहुत शुभ माना गया है । इस मूर्ति को लक्ष्मी जी के सामने रख कर 108 लाल रंग के फूल गुडहल या गुलाब एवं मंत्र ‘‘ ऊं श्री विघ्नहराय पादेश्वरी महालक्ष्यै नमः ’’ । दीपावली के बाद इसे तिजारी में रखें ।
4. एकाक्षी नारियल - एक आंख वाला एकाक्षी नारियल को साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है गुरू पुष्य के दिन यदि इसे विधि -विधान से घर में स्ािापित करेगें तो आपके घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं रहेगी । एक लाल रेशमी कपड़े आधा मीटर पर मंत्र लिखें ‘‘ ऊं श्रीं हृीं क्लीं एं महालक्ष्मी स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नमः सर्वदिद्धि कुरू कुरू स्वाहा ’’ इस वस्त्र पर नारियल रख कर 108 गुलाब पंखुड़ियां चढ़ायें और मंत्र ‘‘ ऊं एके ह्वी श्रीं एकाक्षिनारिलेराय नमः जाप करे । दीपावली तक इस तरह पूजा करे बाद में इसे इस रेशमी वस्त्र में लपेटकर घर में स्.थापित करंे धन लाभ होगा ।
5. लघु नारियल - यह आम नारियल से बहुत ही छोटा होता है इसे देवी लक्ष्मी का फल कहते हैं विधि विधान से पूजा कर लाल कपड़े में बांधकर ऐसे स्थान पर रखें जंहा किसी की नजर इस पर न पड़े इसे उपाय से मंा लक्ष्मी अति प्रसन्न होगीं ।
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