इन्दौर का ‘‘ पंढरीनाथ मंदिर ’’
इन्दौर का ‘‘ पंढरीनाथ
मंदिर ’’ जो कि चंद्रभागा पुल के पास मराठा शैली की स्थापना 1811 से 1833
के मध्य महाराजा मल्हाराव होल्कर द्वितीय के समय विसाजी लांभाते जागीरदार द्वारा
कराई गई । मराठा शैली का यह मंदिर 2167 वर्गफीट में बनाया गया है । इसके गर्भगृह
में पंढरीपुर विष्णु, रूकमिणी और गोपालकी मूर्तियां स्थापित हैं ।
इस मंदिर का प्रबंधन विटठनाथ मंदिर संस्थान इंदौर द्वारा
किया जाता है । यह मंदिर विट्ठल /विष्णु भगवान का मंदिर है । पंढरीनाथ को विठोबा,
पांडुरंग और विट्ठल नाम से भी पुकारा जाता है । खासगीदेवी अहिल्याबाई होलेकर
ट्रस्ट द्वारा संचालित मंदिर में हर अमावस्या और पूर्णिमा को कथा होती है । पंढपुर
के पंढरीनाथ मंदिर में देवशयनी एकादश पर लाखों भक्त अपने आराध्य के दर्शन करते हैं
। मराठी समाज की अगुआई में मराठी भाषा एकाकार भाव से लोग दिंडी निकालने लगे हैं ।
खानदेशी टोपी, कुर्ता पायजामा , जरी पटके की साड़ी के पारंपरिक परिधान पहन मराठी
भाषी महिला-पुरूष दिंडी में शामिल हुए ।
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