मकड़ी
मकड़ी आथ्र्रोपोडा संघ का एक प्राणी
है यह एक प्रकार का कीट है । इसका शरीर शिरोवक्ष और उदर में बंटा रहता है तथा इसकी
40000 प्रजातियां पायी जाती हैं । इसके सिरोवक्ष से चार जोड़े पैर लगे रहते हैं
इसके पेट में एक थैली होती है जिससे एक चिपचिपा पदार्थ निकलता है जिससे यह जाल
बुनती है । यहं मांसाहारी जंतु है । जाल में कीड़े मकोड़ों को फंसाकर खाता है ।
.मकड़ी दिखती तो छोटी सी है लेकिन इसका जहर बहुत खतरनाक होता है । ठंडी और अंधेरी
जगहों पर पाई जाने वाली मकड़ी बहुत ही जहरीली होती है । मकड़ी के काटने पर ठंड लगना
और बुखार के साथ उल्टी होने की शिकायत देखी गई है । जिसके बाद मरीज धीरे धीरे
कमजोर होता जाता है । हडिडयों में दर्द के साथ शरीर टूटता है और देखते देखते मरीज
की मौत हो जाती है ।
मकड़ी के जहर से वियाग्रा:
वैज्ञानिकों का कहना है कि मकड़ी की एक प्रजाति पुरूषों की कामवासना बढ़ाने में
सहायक हो सकती है । मकड़ियों के जहर में उपस्थित टाॅक्सिन पुरूष जननांग में तनाव
नही आने की बीमारी (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) के इलाज में मददगार हो सकता है । आम्रड
स्पाइडर, बनाना स्पाइडर या फोनेयुट्रिया निग्रिवंेटर के नाम प्रसिद्ध आठ टांगों
वाली यह मकड़ी दक्षिण एवं मध्य अमेरिका में पाई जाती है ।
मकड़ी जो चिली में पायी जाने मकड़ी
का इस्तेमाल दिल की बिमारी के इलाज में हो सकता है और फसलों में पाये जाने वाले
कुछ कीड़ों को मारने के लिये भी इनका उपयोग होता है ।
ब्रिटेन में मकड़ी के छूने से महिला
की जान पर बन आई: एक महिला को एक छोटी मकड़ी छूकर चली गई इसके बाद उनकी बांह में
सूजन आने लगी और रक्तप्रवाह बंद हो गया ।
डाॅ. ने एंटीबायोटिक और पैरासिटामाल दवा देने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी
और शरीर में जहर फेल रहा है जिससे उनकी नसें और मांसपेशियां गल रही है फिर
शल्यचिकित्सा करके मांस निकालकर उन्हें बचाया गया । मकड़ी से डरने वाले लोगों को
मकड़ी ज्यादा विशाल दिखाई देगी ।
शकुन शास्त्र में और बड़े बुजुर्गों
का कहना है कि घर में मकड़ी का जाला नहीं
होना चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इससे जीवन मंे कई प्रकार की
उलक्षने आने लगती हैं । लेकिन मान्यता यह भी है कि मकड़ी का जाला आपकी किस्मत का
ताला भी खोल सकता है लेकिन इसकी शर्त यह है कि मकड़ी के जाले में आपको अपने
हस्ताक्षर या नाम की आकृति दिख जाए । घर से तुरंत साफ कर देना चाहिए मकड़ी के जाले:
जिस घर में स्वच्छता रहती है वहीं देवी-देवताओं का वास होता है । घर में जाले होना
अशुभ माना जाता है । इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक कारण मौजूद है । मकड़ी के जाले
की सरंचना कुछ ऐसी होती है कि उसमें नकारात्मक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है । इसलिए
घर के जिस भी कोने में मकड़ी के जाले होते हैं वह कोना या हिस्सा नकारात्मक ऊर्जा
से भर जाता है । इस कारण घर में कलह, बीमारियां व अन्य कई समस्याएं पैदा हो जाती
है । मकड़ी के एक जाले में असंख्य सूक्ष्मजीव रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य को
नुकसान पहुंचाते हैं । नकारात्मक ऊर्जा
के कारण घर का माहौल इतना अशांत हो जाता है कि व्यक्ति चाहकर भी अपने काम को मन
लगाकर नहीं कर पाता है । इसलिए मकड़ी के जालों को अशुभ माना जाता है । क्यों लगता
है मकड़ी से डर: बड़े बड़े जांबाज भी कई बार मकड़ी जैसे छोटे कीड़े माकोड़ों से डर जाते
हैं ।
फाॅल्स विडो - एक सिक्के के आकार
की मकड़ी है और 12 सबसे खतरनाक मकड़ियों की प्रजातियों में से एक है । अगर यह मकड़ी
किसी को काट ले तो उसे सूजन, सीने में दर्द, अंगुलियों में सिहरन हो सकती है लेकिन
यह जहर की मात्रा पर निर्भर करता है ।
धन प्राप्ति में बाधक हैं मकड़ी के
जाले - मकड़ी के जाले से भवन में निवास कत्र्ता की आर्थिक उन्नति बाधित होती है
आर्थिक अभाव होने लगता है स्वास्थ्य से संबंधी परेशानियां होने की संभावनाएं बढ़
जाती है ।
मकड़ियां हमारे पर्यावरण में
कीट-पतंगों की संख्या को नियंख्ति रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ही हैं साथ
ही इनके द्वारा उत्पादित बारीक रेशमी तंतुओं का उपयोग आॅप्टिकल उपकरणों के क्राॅस
हेयर्स के निर्माण में किया जाता है । इसके अतिरिक्त मकड़ियों का उपयोग कुछ औषधियों
के परीक्षण में भी किया जाता है , कारण - इन औषधियों का प्रभाव इनके द्वारा
उत्पादित रेशमी तंतुओं तथा उनसे निर्मित जाल की गुणवत्ता पर पड़ता है । मकड़ियों
दक्ष शिकारी होती हैं । इसके लिए ये तरह तरह के हथकंडे अपनाती है । इनके शिकार
अधिकांशतः छोटे मोटे कीट पतंगे होते हैं । कभी ये उनके पीछे दौड़ती हैं तो कभी घात
लगा कर उनका इंतजार भी करती है । लेकिन अधिकांश प्रजातियां रेशमी तंतुओं द्वारा
विशिष्ट प्रकार के जाल का निर्माण कर शिकार को फसानं में यकीन रखती है । फंसे
शिकार को अपने विष-डंक से मार डालती है और फिर उसके चारों ओर पाचक-रस का स्त्राव
कर उन्हें बाहर से ही पचाती है । इस प्रकार के बाहय पाचन के फलस्वरूप् निर्मित पोषक रस को ही ये चूस सकती है क्योंकि ये
ठोस भोजन नहीं ग्रहण कर सकती है । मकड़ी के उदर में बहुतेरी रेशम उत्पादक ग्रंथियां
होती हैं जिनमें तरल फाइबर्स प्रोटीन्स के रूप में रेशम का उत्पादन होता रहता है ।
एक प्रजाति में सातों प्रकार की ग्रंथियां
नहीं पाई जाती । रेशम ग्रंथियों से तरल प्रोटीन्स के रूप में निकला रेशम जब
इन नलिकाओं से गुजरता है तो पाॅलीमराइज हो कर ठोस रेशम के तंतु में परिवर्तित हो
जाता है । मकड़ी के काटे हुए स्थान पर नींबू के रस में नीम के पत्तों का रस व बेसन
मिलाकर मलने से मकड़ी का विष नहीं चढ़ता है ।
मकड़ी के जाले अशुभ क्यों माने जाते
हैं: मकड़ी के जालों को दरिद्रता की निशानी माना जाता है । जहां मकड़ी के जाले जमंे
होते हैं । वहां बुरी आत्माओं का निवास होता है । अक्सर लोगों को आपने कहते सुना
होगा कि घर में मकड़ी के जाले नहीं रहना चाहिए । ये बहुत अशुभ होते हैं । जिस घर
में मकड़ी के जाले होते हैं उसे बरबाद कर देते हैं । ये कोई अंधविश्वास नहीं है ।
मकड़ी के काटने पर क्या इलाज करें ? - मकड़ी के काटने पर दर्दनाक या खुजली
हो सकती है । सबसे पहले आप 1. मकड़ी को पहचानें - अधिकांश मकड़िया खतरनाक नहीं होती
हैं । जिस जगह मकड़ी ने काटा है उसे साबुन और पानी से धो लें यह इस घाव को साफ और
संक्रमण को रोकने में मदद करेगा । एक आइस पैक से धीरे धीरे सेक करें । यह काटने के
दर्द को करने एवं सूजन को कम करता है । साथ ही एस्पिरिन या टाइनोल नामक दवाई दे
सकते हैं । ज्यादा परेशानी होने पर डाॅक्टर से सलाह लें । अगर निम्न लिखित लक्षण
दिखते हैं जैसे सांस लेने में कठिनाई , मतली, मांसपेशियों की एठन , घावों , गले
में कसावट, पसीना आना और बेहोशी होने जैसे लक्षण ।
मकड़ी काटने के लक्षण - त्वचा का
लाल हो जाना और हल्की जलन व खुजली होना, डंक वाले स्थान पर मामूली सूजन या दर्द,
त्वचा पर रेशेज हो जाना, सांस उखड़ना, जीभ या गले का सूज जाना, ठोढ़ी पर छता बन
जाना, चक्कर आना और उल्टी होना, छाती में दर्द या जकड़न , पेट में दर्द या मरोड़
होना, निगलने में समस्या होना आदिं हों तो तुरंत डाॅ. को दिखाएं । घरेलू उपाय में
खाने का सोडे में पानी मिला कर पेस्ट बना ले तथा काटे स्थान पर लगाएं । कोई क्रीम
जिसमें एंटीहिस्टामिन हो लगाने से सूजन कम हो जाती है । कुछ न हो तो एस्प्रिन को
पीस का डंक वाले स्थान पर लगायें । कुछ लोग पपीते और प्याज को काट कर भी प्रभावित
क्षेत्र पर लगाते हैं क्योंकि इनमें पाए जाने वाले एंजाइम विष को निष्प्रभावी कर
देते हैं । प्रभावित क्षेत्र को खुजलाएं नहीं , क्योंकि इससे त्वचा कट सकती है ।
शान्त रहने का प्रयास करें क्योंकि शरीरिक गति विष के फेला सकती हैं इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि मकड़ी के जालों की संरचना
कुछ ऐसी होती है उसमें नकारात्मक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है । इसलिए घर के जिस भी
कोने में मकड़ी के जाले होते हैं वह कोना नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है जिससे घर
में कलह, बीमारियां व अन्य कई समस्याएं हमारे जीवन को घेरने लगती हैं , साथ ही
मकड़ी के एक जाले असंख्य सूक्ष्मजीव रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य को नुकसान
पंहुचाते हैं इसलिए कहा जाता है कि घर में मकड़ी के जाले होते हैं तो घर की
सुख-समृद्धि का नाश होने लगता है क्योंकि नकारात्मक ऊर्जाओं के कारण घर का माहौल
इतना अशांत हो जाता है कि व्यक्ति चाहकर भी अपने काम को मन लगाकर नहीं कर पाता है
इसलिए मकड़ी के जालों को अशुभ माना जाता है ।
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