Wednesday, 28 May 2014

लिली - सुगंध एवं सुन्दर आकृति वाले फूल

लिली  - सुगंध एवं सुन्दर आकृति वाले फूल  

लिली के कीपाकार फूल अपनी सुन्दरता सुगंध एवं आकृति के कारण प्रसिद्ध हैं । फूलों की पंखुड़ियों में बाहर की ओर भूरी या गुलाबी वर्ण रेखाएं रहती हैं और अंदर की ओर पीली अथवा सफेद आभा रहती है । इसका तना कई फुट उंचा होता है और इसमें अंतस्थ फूल या अंतस्थ फूलगुच्छ लगता है । लिली कन्दीय वर्ग का महत्वपूर्ण फूल है । यह लिलियेसी कुल का सदस्य है इसके फूल अत्यन्त सुन्दर, आकर्षक, चमकदार तथा विभिन्न रंगों के होते हैं । विभिन्न प्रकार की लिलियों में सबसे अधिक मांग ओरिएन्अल तथा एशियाटिक हाइब्रिड लिली की है । लिली की प्रजातियों में टाइगर लिली, मैडोना लिली, चीनी लिली, जापानी लिली, श्वेत ऐस्टर लिली आदि । लिली के फूल तुरही के आकार का फूल 6 इंच व्यास के होते हैं । इनका रंग सफेद, पीला, गुलाबी लाल और नारंगी होता है जिनके भीतरी पत्ती पर एक गहरा रंग होता है । वानस्पतिक नाम लिलियम  है । इसके पौधे कठोर, अर्धकठोर तथा कंदीय शाक होते हैं । 
टाइगर लिली - यह एक बारहमासी फूल जो चैड़ाई में तीन इंच तक बढ़ सकता है । इसकी पंखुड़ियां नारंगी और उस पर धब्बे काले इसे टाइगर लिलि बनाते हैं । इस फूल में एक विशेष प्रकार की खूशबू आती है और इसकी भी दो किस्में हैं ओरिएंटल और आम वाइल्टलावर । टाइगर लिली औषधीय मूल्य के कारण इसका उपयोग गर्भावस्था के मतली और उल्टी कम करने में सहायक होती है । टाईगर लिली  व्यक्ति की आक्रामक प्रवृति को दबाने में मदद करती है और आध्यात्मिक उपचार में मदद करती है । 
फुटबाल लिली - यह फूल वर्ष में एक ही बार खिलता है और फूल देने का समय भी निश्चित है यह 15 से 20 जून के बीच ही खिलता है । एक सप्ताह में यह फूल खत्म हो जाता है और कुछ ही दिनों में इसकी पत्तियों आ जाती है । लिली की उत्पत्ति उत्तरी गोलार्द्ध है, एशिया, उत्तरी अमेरिका, भूमध्यसागरीय भाग में हुई है । ऐतिहासिक काल में लिली का धार्मिक महत्व था । जिसमें लिली को कला, साहित्य और उद्यान सभी जगह प्रयोग किया गया है । लिली ऐसी कुल का महत्वपूर्ण कंदीय पुष्प है । ज्यादातर लिली एकल शाखीय होते है जिस पर पतली नुकीलीदार पत्ती होती है । छतरीदार फूल शाखा के शीर्ष पर लगते है । फूल पूर्ण विकसित तथा 6 पंखुड़ी लिए होते हैं । लिली को मुख्यतः 8 भागों में बांटा गया है । ये वर्गीकरण मुख्यतः पुष्प प्रति डंडी, पुष्प आकार व पुष्प स्थिति के आधार पर किया गया है । इनमें से केवल दो वर्गीकरण एशियाटिक एवं ओरियंटल प्रजातियां ।
ओरिएंटल लिली - ओरिएंटल लिली अपनो से बड़ों को दिया जाता है खासकर अपने प्रियजनों के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके प्रति मान-सम्मान दर्शाने के लिए । नारंगी लिली - किसी से माफी मांगने के लिए दिया जाता है ।
लिली के फूल भी सफेद, नारंगी, पीले और लाल रंग में मिलते हैं कभी विदेशों का फूल माने जाने वाले लिली की कई प्रजातियां अब हमारे देश में भी उगाई जाने लगी हैं । लिली को जापान,सऊदी अरब और पाकिस्तान को निर्यात भी किया जा रहा है । लिली के बीज ज्यादातर हाॅलैंड से आते हैं ये फूल दिसम्बर से मार्च तक बाजार में मिलते हैं । लिली को बीज और बल्बस की मदद से लगाया जा सकता है । 











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