Tuesday, 27 May 2014

मौसंबी - बहुआयामी औषधीय फल

मौसंबी - बहुआयामी औषधीय फल

मौसंबी नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है । मौसंबी जिसे मीठा नीबू भी कहते है कि बागवानी दक्षिणी एशिया, दक्षिणी पूवी एशिया में शुरू हुई भारत, पाकिस्तान और बांग्ला देश में आज सबसे आम है । मौसंबी रंग में हरी पर फल की त्वचा परिपक्वता पर हल्के पीले रंग की 5 मि.मी. मोटी एवं छिलका सफेद होता है । मौसंबी का रस तासीर में ठंडा और औषधीय गुणों से भरपूर होता है तथा सभी जगह, सभी मौसमों मे उपलब्ध होता है । मौसंबी के रस में एक मीठी सुगंध होती है । मौसंबी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं । मौसंबी सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायिक फल दुनिया के सभी महाद्वीपों में उगाई जाने वाले फसलों में से एक है । मौसंबी फल रस प्रसंस्करण उद्योगों द्वारा मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है । मौसंबी को कुशलतापूर्वक दवाओं के रूप में या भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । मौसंबी की 3 किस्में - नेवल, जुमैका और माल्टा हैं । मौसंबी का रस साबुन, शराब और अन्ये पेयों में डाला जाता है ।  मौसंबी छिलके से तेल निकलता है जिसका सौन्दर्य प्रसाधन एवं औषधी में उपयोग होता है । 
मौसबी के औषधीय गुण -1. मौसंबी एक न्यूट्रा अपनी बहुआयामी औषधीय गुणों के कारण फल के रूप में माना जाता है । 2. मौसंबी का रस एक पोषक भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है मौसंबी का रस पीने से जीवन शक्ति बढ़ जाती है । 3. मौसंबी में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है खटटे और रसदार फलों में मौजूद विटामिन सी न केवल घुटनों के दर्द बल्कि आस्टियो आर्थराइटिस ( घुटने के तंतुओं में क्षरण) को रोकने में मददगार है । 4. मौसंबी का रस तेजी से वजन कम करता है यदि इसे नियमित रूप से गुनगुने पानी और शहद के साथ लिया जाए । 5. मौसंबी के रस में वेनुआइड, लिमोनोइडस पाचक रस और एसिड के स्त्राव उत्तेजक होने से पाचन प्रक्रिया बढ़ाता है । पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है यह दस्त और पेचिश के इलाज में मदद करता है इसके टेंजी स्वाद मतली और उल्टी को नियंत्रित करता है । 6. मौसंबी में फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण कब्ज को दूर करने में सहायता करता है । 7. मौसंबी में मौजूद, कैरोटीनायॅड तथा हाइड्रोएक्सी नामक अम्ल जीवाणु विरोधी एवं कैंसर, मोतियबिंद और हृदय रोगों के खतरों को कम करते हैं । 8. मौसंबी को पेक्टिन रक्त शर्करा और कोलेस्ट्राल कम करने को गुण रखता है । 9. मौसंबी फल का रस और पत्तियों का रस सर्दी, बुखार, सूजन और पाचन विकार को दूर कर शीतलन प्रभाव देता है ं 10. बालों मे ंरूसी से छुटकारा पाने के लिए बालों को मौसंबी के रस और पानी के मिश्रण से बाल धोने से फायदा पहुंचता है । 11. मौसंबी का सेवन दोपहर में करें । धूप में जाने से कुछ देर पहले या धूप से आने के कुछ देर बाद, मौसंबी खाना या जूस पीना अधिक लाभदायक होता है इससे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होगी । 12. मौसंबी रस चमड़ी के धब्बे और ब्लेसीसंस दूर कर चेहरे पर चमक लाता है । 13. मौसंबी का रस प्रति रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करता है, रक्त परिसंचरण सुनिश्चित कर हृदय को बल देता है । 14. मसूड़ों की सूजन, गले में दर्द, जुकाम, कटे फटे ओठों के लिए लाभप्रद एवं संक्रमण रोकने में मददगार है क्योंकि इसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है । 15. मौसंबी रस रक्त प्लेटलेटस के उत्पादन बढ़ाकर प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करता है । 16. मौसंबी निम्नलिखित रोगों में उपयोगी है - सर्दी-जुकाम, अस्थमा,शरीर की शक्ति प्राप्त करने के लिए, रक्त विकार, बुखार, खाँसी, गैस्टिक अल्सर, गर्भवती भोजन, दस्त, रक्त अमीविक डीसेंटरी, गठिया, उच्च रक्तचाप, हार्ट कमजोरी, हृदय रोग, पीलिया, फटे-औंठ और पिंपपस इत्यादि । 17. पैदल चलने, जाॅगिंग या व्यायाम एवं नास्ते के बाद मौसंबी रस लेने से बहुत जल्दी ऊर्जा मिलती है । 18. मौसंबी फल खाने से मधुमेह के इलाज में सहायता मिलती है क्योंकि इसमें ‘‘ नारिनजेनिन’’ नामक एंटी आॅक्सीडेंट होता है जिससे इसका स्वाद हल्का कड़वा हो जाता है यही कड़वापन मधुमेह को रोकने में सहायक है । नारसिजनिन शरीर की संवेदन शीलता को बढ़ाने के लिए इन्सुलिन को नियमित करता है । नारिनजेनिन वजन को नियंत्रित करने में मददगार है । नारिनजेनिन यकृत में वसा को संचित होने से रोकता है । 
मौसंबी के ताजा रस 100 ग्राम - ऊर्जा 25 किलो कैलारी, प्रोटीन 0.5-1.5 प्रतिशत, वसा 0.3 प्रतिशत, कार्बोहाडेट 8 प्रतिशत, कैल्शियम 10 मि.ग्राम, सोडियम 1 मि.ग्रा, पोटेशियम 141 मि.ग्रा., विटामिन ए 20 आई यू, थायमिन 0.3 मि.ग्राम, राबोलेविन 0.01 मि.ग्राम, नायसिन 0.10 मि.ग्रा, विटामिन सी 46 मि.ग्रा.






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