Sunday 25 May 2014

चम्पा - खूबसूरत सुगंधित फूल

चम्पा - खूबसूरत सुगंधित फूल

 चम्पा के खूबसूरत, मन्द सुगंधित हल्के सफेद, पीले फूल पूजा में उपयोग किये जाते हैं । चम्पा का वृक्ष मंदिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाये जाते है । चम्पा का मूल उत्पत्ति स्थान भारत में पूर्वी हिमालय तथा इंडोनेशिया है । चम्पा निकारगोवा और लाओस देश का राष्ट्रीय फूल है ।
चम्पा फूल तीन रंगों सफेद, लाल और पीले में पाया जाता है । पीले रंग की चम्पा को स्वर्ण चम्पा कहा जाता है और ये बहुत कम नजर आता है । चम्पा के फूलों को सुखाकर चूर्ण बनाएं और तेल में मिलाकर खुजली वाले हिस्से पर लगाएं, तुरंत आराम मिलता है । स्वर्ण चम्पा कुष्ठ रोग में भी कारगर सिद्ध होता है । चम्पा का वृक्ष दक्षिण-पूर्व एशिया ,चीन, मलेशिया, सुमात्रा, जावा और भारत में पाया जाता है । चम्पा के फूल में पराग नहीं होने से इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती है लेकिन इसके बीज पक्षियों को बहुत आकर्षित करते हैं । चम्पा को कामदेव के पाँच फूलों में गिना जाता है । देवी माँ ललिता अम्बिका के चरणों में चम्पा के फूलों से सजाया जाता है । चम्पा मैग्नोलिशिया परिवार का उष्ण कटिबन्धीय झाडियों और छोटे पेड़, पौधे जगत में जाना जाता है । इसकी लगभग 40 प्रजातियां पायी जाती हैं । इसकी खुशबू अत्यन्त मादक होती है । पेड़ फूल और फल साल भर देते हैं । चम्पा को पंखुरियों के आधार से दो प्रमुख 1. माइकेलिया आइनिया प्रजाति जिसकी पंखुड़ियां लंबी और नुकीली होती है और रंग गुलाबी होता है इसकी उत्पत्ति चीन और वियतनाम में हुई । 2. माइकेलिया अल्बा का रंग सफेद होता है जो कि एशिया में पायी जाती है जो कि सजावटी पौधे तथा मंहगें इत्र के लिए प्रसिद्ध है । 3. माइकेलिया डीलटसोपा  4. माइकोलिया किगो क्रीम
प्लूमेरिया प्रजाति की चंपा में अल्बा, आॅब्टूसा, पुडिका और रूबा हैं ।
भारतीय चम्पा के 4 प्रमुख प्रकार हैं 1. सोन चम्पा, 2. नाग चम्पा, 3. कनक चम्पा, 4. सुल्तान चम्पा, 5. कटहरी चम्पा
चम्पा की छाल और पत्तियों का उपयोग बुखार उतारने के लिए विशेषकर उन माताओं के जिनकी डिलेवरी अभी हुई है । फूलों का उपयोग कुष्ठ रोग में और पत्तियों का उपयोग पैर दर्द के लिए किया जाता है । चम्पा के वृ़क्ष पर 2 से 3 साल बाद फूल लगने शुरू हो जाते  हैं ।
चम्पा के फूल कड़वे , अग्निवर्धक और चर्म रोगों में लाभदायी होते हैं । हृदय और मस्तिष्क को शक्ति देते हैं । कुष्ठ, चोट, रक्त विकार आदि रोगों में इसका लेप लाभप्रद है । चम्पा की कलियां पानी में पीसकर चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे, झाइयां दूर हो जाती हैं । सुजाक में भी चम्पा के फूल लाभदायक हैं ।
चम्पा के फूल सूर्य नारायण, श्री विष्णु जी, को चढ़ाये जाते हैं ।
चम्पा के पेड़ सजावट एवं सुगंध के लिये बगीचों में प्रायः लगाए जाते हैं ।


प्लूमेरिआ चम्पा 
माइकेलिया चम्पा 

नाग चम्पा 
लाल चम्पा 


सोन चम्पा 
सुल्तान  चम्पा 




पीला  चम्पा 






3 comments:

  1. शानदार प्रस्‍तुति है।
    कुमार सौवीर
    लखनऊ
    9415302520

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