Sunday, 1 June 2014

पामेरियन - एक नन्हा खूबसूरत डाॅग

पामेरियन - एक नन्हा खूबसूरत डाॅग  
पामेरियन  एक छोटी नस्ल जिसका नाम पामेरियेना स्थान के नाम पर पड़ा जो कि जर्मनी और पौलेंड क्षेत्र में है तथा यह नस्ल स्पिट्रज नस्लों से विकसित हुई है । मूल पामेरियन नस्ल का शरीरिक भार लगभग 13.5 किलो जो कि भेड़ चरवाहों के साथ उनका सहयोग करते थे । सन् 1888 में अमेकिन केनल क्लब ने इस मान्यता दी तथा इंग्लैंड में यह एक बहुत लोकप्रिय नस्ल जिसे प्रजनन विधि से आकार और भार में छोटा किया गया । पामेरियन की प्रतिभा की वजह से इसका उपयोग प्रहरी, चपलता, और प्रदर्शन हेतु सर्कस में कलाकारों के साथ उपयोग हुआ ।
विवरण - पामेरियन खिलौना समूह के छोटे आकार के कुत्तों में वर्गित है । जिनका  सिर बेज आकार जो कि शरीर के अनुपात में होता है । इनकी नाक सीधी, छोटा मजल होता है इनका रंग शरीर की त्वचा के हिसाब से बदलता रहता है । इन मध्यम आकार की गहरी बादाम आकार की आंखें  होती हैं । छोटे खड़े कान जो ऊपर की ओर उठे होते हैं । पूंछ के बाल खड़े खड़े होते हैं । पामेरियन के शरीर पर एक मोटी और दोहरी बालों की तह होती है । अन्दर की बालों की तह नरम मोटी और छोटे बालों की  और बाहर के बालों की तह लंबी, सीधी और मोटे बालों की होती है । इनकी गर्दन एवं छाती पर लम्बें बालों का घेरा होता है । पामेरियन विभिन्न रंगों में पाये जाते हैं जिसमें लाल, नारंगी, सफेद, क्रीम,नीले, भूरे, काले, काले और भूरे, चितकबरे, सफेद रंग पर धब्बों या लाइने भी पाई जाती हैं । पामेरियन एक बुद्धिमान, वफादार और सीखने की जिज्ञासा रखने के गुणवाला कुत्ता है । यह एक अच्छा साथी और शो डाग होता है । यह एक विन्रम स्वभाव की नस्ल है जो सबका स्नेह ले लेती है । पामेरियन को अच्छी बातें सिखाई जा सकती हैं । इसका छोटा आकार घर के बुजुर्ग सदस्यों का अच्छा साथी बनता है । पामेरियन की लम्बाई लगभग 7-12 इंच तथा शरीरिक वजन 1-3 किलो होता है । इन्हें घरों में आसानी से पाला जा सकता है इनके शरीर में बाल होने की वजह से इन्हें अत्यधिक गर्मी से बचाना होता है ।
स्वास्थ्य समस्याएं - 1. एलर्जी - पामेरियन को किसी भी चीज से भी एलर्जी हो सकती है । एलर्जी होने पर वह पंजे चाटता है एवं चेहरे पर खुजली करता है साथ ही कुछ पामेरियन को मिर्गी भी हो सकती है तुरंत पशुचिकित्सक से परामर्श करंे । 2. नेत्र समस्याएं - मोतियाबिंद, सूखी आंखें, आंखों से अधिक आंसू बहना, अंधापन एवं आंखों में लालिमा होना 3. हिप डिसप्लेसिया /पटेला के खिसकने का रोग हो सकता है । 4. दांत और मसूड़ों की समस्याएं - नियमित रूप से दांतों का परीक्षण डाक्टर से कराते रहें । पामेरियन को स्वस्थ्य रखने के लिए रोज टहलने के लिए ले जाना जरूरी है । खुले मैदान में खेलना इनके स्वस्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है । इनके लम्बें बालों में कई बार ब्रश करना जरूरी होता है । इनकी अन्दर की त्वचा के बाल साल में दो बार गिरते हैं । प्रतिदिन इनकी आंखों और कानों की सफाई जरूर करें । नियमित इनके दांतों की जांच करवायें ।
प्रजनन -  पामेरियन में नर में परिपक्वता की उम्र 12-18 महीने तथा मादा में 18-24 महीने होती है । मादा 3 से 14 दिन तक ऋतुकाल में रहती है । मादा में गर्भकाल 63 दिन ( 60-65 दिन )होता है । पामेरियन के पिल्ले जन्म के समय बहुत छोटे होते हैं तथा जन्म के समय वजन 2 से 5 औंस होता है । 
आहार - पामेरियन को संतुलित आहार देना इनकी देखभाल का एक महत्वपूर्ण भाग है । आहार उसके आकार, उम्र, बिल्ड, चयापचय और गतिविधि के स्तर पर निर्भर करता है । उच्च गुणवत्ता वाला भोजन जो संतुलित हो दिया जाए । घर पर बना खाना जिसमें पोषक तत्वों का संतुलित समावेश हो फायदेमंद रहेगा इसके लिए पशुचिकित्सक /वैज्ञानिक से सलाह उचित रहेगी । पामेरियन स्टार्चयुक्त भोजन पसंद करते है। जैसे ब्राउन राईस, साबुत चावल, दलिया, चावल से बने व्यंजन/उत्पाद, आटे की रोटी, नूडल्स इत्यादि वे बड़े चाव से खाते हैं । मूलतः पामेरियन मांसाहारी होते है तथा उनकी जरूरत से ज्यादा खाने की उनकी प्रवृति उन्हें मोटा बना सकती है इससे बचने के लिए इनके भोजन पर निगरानी जरूर रखें । पामेरियन को कभी चाकलेट न दें इसे उन्हें पचाना कठिन होता है और वे बीमार हो सकते हैं । कभी भी अचानक उनके आहार में परिवर्तन न करें, आहार बदलने के पहले पशुचिकित्सक से सलाह जरूर लें जीवनकाल - पामेरियन का जीवनकाल लगभग 15 वर्ष का होता है ।







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