Sunday, 8 June 2014

आलू बुखारा - स्वास्थ्यवर्धक फल

आलू बुखारा - स्वास्थ्यवर्धक फल
आलूबुखारा एक स्वास्थ्यवर्धक फल है । यूरोपियन ड्राईड प्लम्स को भी प्रूंस यानि आलूबुखारा के नाम से जाना जाता है । यह थोड़ा सख्त दिखता है लेकिन खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है । आलूबुखारे को आप कच्चा खा सकते हैं या इसका जूस भी पी सकते हैं । इससे कई प्रकार की अच्छी डिशेज भी बनती हैं । इनका ज्यादातर इस्तेमाल डेजर्ट और स्वीट्स में किया जा सकता है । आलूबुखारा मीठा और जूस  से  परिपूर्ण फल है जो एशिया, ग्रीस और अरब देशों में बहुत होता है ।  आलूबुखारा एक गुठलीवाला रसदार फल जो विभिन्न रंगों और आकारों में मिलता है और इसकी सर्वाधिक प्रसिद्ध किस्मों में पीले रंग वाली तथा काले-नीले रंग वाली किस्में शामिल है । इसकी क्लाउडिया नामक किसम हल्के या गहरे हरे रंग या जामुनी रंग की होती है । विश्व में आलूबुखारे की 2 हजार किस्में पाई जाती हैं । ग्रीष्म काल और पतझड़ में जापानी किस्में लाल जामुनी तथा संतरी गूदेवाले या पीले संतरी गूदेवाले हो सकते हैं । आलूबुखारों का जायका मीठा या खटटा होता है  और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खटटा होता है । इनका गूदा रसदार होता है और इन्हें या तो सीधा खाया जा सकता है या इनका मुरब्बा बनाया जाता है । सुखाए गए आलूबुखारे को बहुत जगहों पर खाया जाता है । आलूबुखारे में विटामिन ए, बीटाकैराटिन और विटामिन सी आदि एंटी आॅक्सीडेंटस की मात्रा सबसे अधिक होती है । महत्वपूर्ण खनिज तत्व जैसे पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन इत्यादि खनिज तत्व पाये जाते हैं  । आलूबुखारा शरीर के आवश्यक खनिज तत्वों की पूर्ति करता है । आलूबुखारे में कार्बोहाइडेट की मात्रा अधिक तथा कैलारी और वसा कम होते हैं । 100 ग्राम आलूबुखारे में सिर्फ 40 किलो कैलारीज पाई जाती हैं । हर रोज आलूबुखारे का एक गिलास जूस पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है ।
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार 100 ग्राम आलूबुखारा में ऊर्जा 2.3 प्रतिशत, कार्बोहाइडेट 8 प्रतिशत, प्रोटीन 1 प्रतिशत, फाइबर 3.5 प्रतिशत, विटामिन ए 12 प्रतिशत, विटामिन सी 16 प्रतिशत, विटामिन के 5 प्रतिशत, विटामिन ई 2  प्रतिशत, पोटेशियम 3 प्रतिशत, कापर 6 प्रतिशत, फास्फोरस 2  प्रतिशत, और सेलेनियम 2 प्रतिशत । 
आलूबुखारा के औषधीय गुण: 1. आलूबुखारा एक बहुत ही शानदार लैग्जेटिव (पेट साफ करने वाला) है । आलूबुखारा खाने से पेट सम्बंधी समस्याएं कम होती हैं और पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है । इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं । जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है । इसमें फ्रैंडली बैक्टीरिया होते हैं जो की पाचन क्रिया को लाभ प्रदान करते हैं । इसके सेवन से पेट में भारीपन नहीं होता है और आंतों को भी आराम मिलता है । अगर गर्भवती महिलाएं एवं बच्चे कब्ज की समस्या से जूझ रहे हों तो उन्हें आलूबुखारा खाने की सलाह दी जाती है विशेषकर तब जब इन्हें अच्छी तरह धोकर छिलके समेत खाया जाता है । इसमें फाइबर होने से यह कब्ज दूर करता है । 2. आलूबुखारा में अधिक मात्रा में एंटीआॅक्सीडेंटस होते हैं जो शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता में बढढोत्तरी करते हैं । इसमें कई कैमिकल भी होते हैं जो मष्तिस्क की कार्य प्रणाली को तेज करते हैं । ये फैट लेयर को भी प्रोटेक्ट करता है । कई बार शरीर की फैट लेयर अवांछनीय रेडिकल्स और टाॅक्सिन से डेमेज हो जाती है  लेकिन आलूबुखारा खाने से ऐसा नहीं होता है । इसके सेवन से शरीर से टाॅक्सिन भी बाहर निकलने में मदद करता है । आलूबुखारे के जूस को नियमित लेने से कैंसर जैसे रोग के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है क्योंकि आलूबुखारे में एंडी आॅक्सीडंेटस की मात्रा बहुत अधिक होती है । आलूबुखारा में बीटा कारटोनेस होता है जो शरीर में होने वाले कैंसर को रोकता है । इसके सेवन से फेफड़ों और मुंह का कैंसर नहीं होता है । 3. आलूबुखारा खांए और बनाएं खुद को सुन्दर क्योंकि जिन फलो में पिगमंेट की मात्रा उच्च होती है उनका सेवन करने से त्वचा को बहुत फायदा होता है । पीले पिगमेंट या कैरोटिनाॅयडस त्वचा को पीलापन देने में मुख्य भूमिका निभाते हैं । 4. आलूबुखारे में फाइटोस्टीरोल्स नामक तत्व होते हैं जो एंटी वायरल तथा एंटी बैक्टीरियल के तौर पर काम करते हैं । 5. आलूबुखारे में पोटेशियम खनित बहुतायत में होने से यह आरटीरियल हाटपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) और सेरेब्रोवेस्कूलर दुर्घटनाओं से रक्षा करता है । 6. आलूबुखारे में फाइबर की अधिकता होने तथा बैनजोइक् एसिड हमारी पाचन तंत्र प्रणाली को शुद्ध करता है । 7. महिलाओं में रजोनिवृति के बाद होने वाली समस्याओं में आलूबुखारा सेवन पौष्टिक तत्वों के संतुलन को बनाए रखता है । आयु बढ़ने के साथ ही हडडी टूटने का खतरा बढ़ जाता है आलूबुखारा हडिडयों को मजबूती प्रदान करता है । 8. आलूबुखारा दिल के लिए भी काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है । सूखा आलूबुखारा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है, कब्ज को रोकता है, स्मृति को बढ़ाता है, कोलेस्ट्राल को कम करता है, यकृत को ताकत देता है, पीलिया दूर करता है  एवं हृदय रोग के विरूद्ध शरीर की सुरक्षा करता है । इससे दिल की बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है । इसके सेवन से हार्टअटैक या हार्टस्टोक्स आने का खतरा भी कम हो जाता है । इसमें आमेगा 3 भी भरपूर मात्रा में होता है जो दिल को सेहतमंद रखता है । आलूबुखारा में विटामिन ‘‘ के ’’ होता है जिसके सेवन से दिल दुरूस्त रहता है । इसके सेवन से रक्त का थक्का नहीं जमता है और ब्लाड प्रेशर भी मेंटेन रहता है । हार्ट रेट भी सही रहता है । आलूबुखारा में पौटेशियम भरपूर मात्रा में होता है जिससे हार्ट अटैक आदि पड़ने का खतरा समाप्त हो जाता है । 9. खाना खाने के पहले या खाने के बाद आलूबुखारे को आराम से खाया जा सकता है । इसके सेवन से शरीर में सुगर की मात्रा में बढोत्तरी नहीं होती है और ब्लड सुगर भी नियंत्रित रहता है । डायबटीज से ग्रसित मरीज भी इसे आसानी से खा सकते हैं । शरीर में सुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए यह सबसे अच्छा होता है । 10. आलूबुखारा वजन को नियंत्रित करता है । जो लोग व.जन कम करना चाहते हैं या डायटिंग पर है वह वजन कम करने के लिए आलूबुखारा का सेवन कर सकते हैं । इसके सेवन से फैट नहीं बढ़ता है और शरीर का व.जन नियंत्रित रहता है । इसको खाने से हर समय मंचिग की आदत भी कम हो जाती है । 11. आलूबुखारा मिनरल अव्जाॅब्र्शन में सहायक है आलूबुखारे के सेवन से शरीर में मिनरल ज्यादा मात्रा में शोषित होते हैं और शरीर को ज्यादा एनर्जी मिलती है । 12. आलूबुखारा आंखों और दृष्टि के लिए लाभदायक है इसमें विटामिन ए होता है इसके सेवन से आंखों की मुकस मेम्बरेनस सही स्वस्थ्य रहती है इसमें महत्वपूर्ण पोषक फाइबर जिया एक्साथिन होता है जो आंखों के रेटिना को मजबूत बनाता है । इसके सेवन से आंखें हानिकारक यू वी किरणों से भी बच जाती है । सूखा आलूबुखारा: आलूबुखारा हडडी टूटने से बचा सकता है । यदि महिलाएं रजोनिवृति के बाद इस फल का सेवन करें तो वे स्वंय को ओस्टियोपोरेसिस और हडडी टूटने से बच सकती हैं । सूखा आलूबुखारा हडिडयों को मजबूती प्रदान करता है ।










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