Tuesday 10 June 2014

अनार -अनुपम गुणों का भण्डार

  अनार -अनुपम गुणों का भण्डार
फल हमारे जीवन में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं हमें जिस मौसम में जो भी फल मिले, उसका अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए ।  अनार भी प्रकृति के कुछ अनमोल उपहारों में से एक है जिसे प्रकृति ने पोशक तत्वों से इस प्रकार सजाया है कि उसके पत्ते, पेड़ की छाल, फल, छिलका तथा कली अनेक रोगों में औषधि का काम करते हैं । अनार में एंटीआॅक्सिडेंट, एंटीवायरल, और एंटी टयूमर गुण पाए जाते हैं ।  अनार विटामिन्स का भी एक अच्छा स़्त्रोत है इसमें विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है । अनार में हरी चाय और वाइन  के मुकाबले तिगुना एंटीआॅक्सिडेंट मौजूद होता है । अनार एक स्वास्थ्य वर्धक फल है जिसे सभी अनार, दाडम या दाड़िम आदि अलग अलग नाम से जानते हैं । अनार का जन्मस्थल अरब देश है । अनार के ज्यूस लगभग 500 मिलीलीटर रोज पीने से अधिक उत्साह, प्रेरणा से भरपूर एवं मनुष्य सक्रिय रह सकता है । काम काज में तनाव उन्हें कम परेशान करता है वे स्वस्थ्य बने रहते हैं और बेहतर काम करते हैं । अनार के लेकर कई दंत कथाएं एवं किवदंतियां प्रसिद्ध हैं । जैसे अनार उर्वरकता का प्रतीक है इसे खाने से मनुष्य की उर्वरकता शक्ति बढ़ती है । नवजीवन, पुर्नजीवन तथा अमरत्व के विचार से भी अनार इनका प्रतीक बन गया है । ईरान में लोगों को दफनाने के समय अनार भी साथ में दफना दिए जाते थे ताकि शीघ्र ही जन्म लेकर लौट आएं । आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान एवं शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चो ंके लिए दूध जिस तरह जरूरी है वहीं बड़ों के लिए अनार का ज्यूस बहुत जरूरी है ।
अनार के औषधीय गुण: 1. अपच होने पर अनार के रस एक चम्मच, आधा चम्मच सेंका हुआ जीरा पीसकर तथा गुड़ मिलाकर लेना चाहिए । 2. प्लीहा और यकृत की कमजोरी तथा पेटदर्द अनार खाने से ठीक हो जाते हैं । 3 अनार कब्ज दूर करता है, मीठा होने पर पाचन शक्ति बढ़ाता है इसका शर्बत एसिडिटी को दूर करता है । 4. दस्त तथा पेचिश में - 15 ग्राम अनार के सूखे छिलके और दो लौंग लें । दोनों को एक गिलास पानी में उबालें । फिर पानी आधा रह जाए तो दिन में तीन बार लें । इससे दस्त तथा पेचिश में आराम मिलता है । 5. दुःसाध्य खांसी में जवाखार आधा तौला, कालीमिर्च एक तौला, पीपल दो तौला, अनार दाना चार तौला, बन सबका चूर्ण बना लें फिर आठ तौला गुड़ में मिलाकर चटनी बना लें । चार चार रत्ती की गोलियां बना लें । गरम पानी से सुबह, दोपहर, शाम एक एक गोली लेंगें तो दुःसाध्य खांसी मिट जाती है । बच्चों की खांसी अनार के छिलकों का चूर्ण आधा आधा छोटा चम्मच शहद के साथ सुबह शाम चटाने से मिट जाती है । 6.  अनार कर रस नित्य पीने से कृमि नष्ट हो जाते हैं । 7 अनार रक्तसंचार वाली बीमारियों से लड़ता है, उच्च रक्तचाप को घटाता है । 8. अनार सूजन और जलन में राहत पहुंचाता है । गठिया और वात रोग की संभावना घटाता है और जोड़ों के दर्द का कम करता है । 9 अनार कैंसर की रोकथाम में सहायक बनता है । 10.  अनार शरीर के बुढ़ाने की गति धीमी करता है और महिलाओं में मातृत्व की संभावना और पुरूषों मंे पुंरसत्व बढ़ाता है । 11 अनार को त्वचा के कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर और पेट में अल्सर की संभावना घटाने की दृष्टि से भी विशेष उपयोगी पाया गया है । 12. अनार का रस वृद्धावस्था में सठिया जाने के अल्सहाइमर रोग की संभावना भी घटाता है । 13.  अनार का जूस चार हफते में घटा सकता है चर्बी - अनार का वानस्पतिक नाम प्यूनिका ग्रेनेटम है । अनार के पेड़ में कई शाखाओं से युक्त लगभग 10-20 फुट  ऊंचा होता है । भारत देश में अनार का पेड़ सभी जगह पर पाया जाता है । कन्धार, काबुल और भारत के उत्तरी भाग में पैदा होने वाले अनार बहुत रसीले और अच्छी किस्म के होते हैं ।  अनार की छाल  चिकनी, पतली, पीली या गहरे भूरे रंग की होती है । अनार के पत्ते कुछ लम्बे व कम चैड़े होते हैं । अनार के फूल नारंगी व लाल रंग के, कभी कभी पीले 5-7 पंखुड़ियों  से युक्त एकल या 3-4 के गुच्छे में होते हैं ।  अनार के फल गोलाकार, लगभग 2 इंच व्यास को होता है । फल का छिलका हटाने के बाद सफेद, लाल या गुलाबी रंग वाले रसीले दाने होते हैं । रस के नजर से यह फल मीठा, खटठा मीठा और खटटा तीन तरह का होता है । अनार केवल फल ही नहीं, बल्कि इसका पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है । फल की अपेक्षा कली व छिलके में अधिक गुण पाये जाते है । अनार का छिलका लाल, हरा और इसका दाना लाल और सफेद होता है । अनार का फल खटटा, मीठा और फीका होता है ।  अनार की प्रकृति शीतल होती है ।
            वैज्ञानिक अध्ययनानुसार रासायनिक संगठन करने पर अनारदाने में आद्रता 78, कार्बोहाइटेट 14.5, प्रोटीन 1.6, वसा 0.1 प्रतिशत होती है । इसके अलावा फाॅस्फोरस, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आॅक्जैलिक अम्ल, तांबा, लोहा, गंधक, टेनिन, शर्करा, विटामिन्स होते हैं । फल की छाल में 25 प्रतिशत, तने के गूदे में 25 प्रतिशत तक, पत्तियों में 11 प्रतिशत और जड़ की छाल में 28 प्रतिशत टैनिन होता है । अनार की कई प्रजातियां - गणेश, मसकिट, धोलका, जालौर बेदाना, बेसीन बेदाना, पेपर सेल, ज्योति, रूबी और मृदुला है । बेदाना अनार सब अनारों से उत्तम होती है । यह लाल रंग का होता है इसमें सैकड़ों लाल रंग के छोटे पर रसीले दानें होते हैं ।  अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है । स्वास्थय की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण फल है ।  भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट, राजस्थान, उत्तरप्रदेश , हरियाणा, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू और गुजरात में पाये जाते हैं । भारत में अनार को कई नामों से जाना जाता है बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं । हिन्दी में अनार, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है । शोधकर्ताओ का मानना है कि यह फल लगभग 300 साल पुराना है । यहूदी धर्म में अनार को जनन क्षमता का सूचक माना जाता है । अनार मंे प्रचुर मात्रा में लाभदायक प्रोटीन, कार्बोहाइडेट, फाइबर, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं । 100 गा्रम अनार खाने पर हमारे शरीर को लगभग 65 किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है ।
अनार का विभिन्न बीमारियों में उपयोग: 1. अतिसार - अनार के रस के साथ सौंफ, धनिया और जीरा इनकी बराबर मात्रा में पीस कर इनका पूर्ण बनाकर सेवन करे । अथवा अनार के रस में पका हुआ केला मथकर इसका सेवन करें । 2. शरीर में खून की कमी - एनीमिया शीघ्र दूर करने के लिए अनार का रस और मूली का रस समान मात्रा में मिलाकर पीएं । 3. कब्जीयत (कब्ज) - अनार के पत्तों को उबाल कर उसका काढ़ा पीने से कब्ज से पीछा छुड़ाया जा सकता है । अथवा अजवायन का चूर्ण फाॅंक कर फिर अनार का रस पीएं । तो कब्ज से मुक्ति मिलेगी । 4. एसीडिटी ( अम्ल पित्त)-  अनार रस और मूली का रस समान मात्रा में लेकर उसमें अजवायन, सैंधा नमक चुटकी भर मिलाकर सेवन करने से अम्ल पित्त बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है । 5. तनाव - रोज एक गिलास अनार का जूस पीना शुरू कर दीजिए वर्क प्रेशर कम हो   जाएगा । अनार कर जूस लेने से ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है साथ ही यह स्टेरस हार्मोन भी व्यक्ति पर हावी नहीं होता है । शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप तनाव से जूझ रहें हैं तो दो सप्ताह तक अनार का जूस रोज पिंए । तनाव दूर हो जाएगा । 6. दमा / खांसी - दमा खांसी में जवाखार, कालीमिर्च, पीपल, अनारदाना, का चूर्ण गरम पानी से दिन में तीन बार लेने से दुःसाध्य खोसी मिट जाती है । बच्चों की खांसी  अनार के छिलकों का चूर्ण आधा आधा छोटा चम्मच शहद के साथ सुबह शाम चटाने से मिट जाती है । 7. गुर्दे की बीमारियां - अनार का रस गुर्दे से संबंधित बीमारियों से बचने का भी कारगर उपाय है । शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अनार के एंटी-आक्सीडेंट डायलिसिस के रोगियों के लिए लाभप्रद है । 8. मोटापा दूर करने में -  एक माह तक प्रतिदिन एक बड़ा गिलास अनार का जूस पीने से पेट, कमर, पीठ की चर्बी को कम किया जा सकता है । 9. मधुमेह - मधुमेह के मरीजों को अनार खाने की सलाह दी जाती है इससे काॅरोनरी रोगों का खतरा कम होता है । 10.कैंसर - कैंसर के बचाव के लिए फलेवेनोआॅइडस एंटीआॅक्सिडेंट  की जरूरत होती है  और यह अनार में प्रचुर मात्रा में पायी जाती है । प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर में अनार के जूस का सेवन करना चाहिए ।  इसके नियमित सेवन करने से शरीर में पीएसए के स्तर कम रहते हैं और कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है । अनार के औषधीय गुणों को देखते हुए आप अपनी बगिया में एक अनार का पौधा जरूर लगाएं ।  अनार का वृक्ष बहुत सुन्दर होता है जिसे बगिया की शोभा के लिए भी लगाया जा सकता है । इसकी कली, फूल और फल भी कुछ कम सुन्दर नहीं होते । आपकी थोड़ी सी मेहनत आपको कई बीमारियों से दूर रख सकती है अगर आपको घर आंगन मंे एक अनार का पेड़ होगा ।












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