एवोकैडो (रूचिरा) के औषधीय गुण
एवोकैडो मूल रूप से अमेरिकी
महाद्वीप से आया यह फल भारत में मखनफल के नाम से मिलता है । इस फल में विटामिन ई
भरपूर मात्रा में होता है । एवोकैडो में एंटी-आॅक्सीडेंटस भी होते हैं जो त्वचा की
सुरक्षा करती है । एवोकैडो आपकी स्किन की कोशिकाओं को दोबारा बनने में मदद करता है
और इससे आपकी त्वचा को जवां और ताजा लुक मिलता है । एवोकैडो देवभूमि उत्तराखंड में
बटरफ्रूट नाम से जाना जाता है । वास्तव में ये ऐसे वृक्ष हैं जिनके फल का गूदा
मक्खन की तरह डबलरोटी में लगा कर खाया जाता है । यह पौधा वर्ष 1950 में मैक्सिको
से लाया गया था जो कि बागेश्वर और जौलीकोट (नैनीताल) में लगाए गए । यह पौधा 3 से 6
हजार फीट की ऊंचाई पर लगता है और इसमें फल 5 से 6 साल में आते हैं । डायबिटीज और
रक्तचाप से पीड़ित मरीजों के लिए भी यह बेहद लाभदायक है ।
एवोकैडो यानि रूचिरा नामक पहाड़ी फल
के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन
बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावर बढ़ाने और ऊर्जा देने में
मददगार है । इसका नियमित सेवन महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है
।
रूचिरा या मक्खन फल या एवोकैडो
कैरिबियाई क्षेत्र से संबंधित एक फल है । अगर स्त्री हते में एक बार एक एवोकैडो खाती है तो उसके हार्मोंस
संतुलित रहते हैं, गर्भपात नहीं होता और सर्विक्स कैंसर का भी खतरा नहीं होता है ।
एक एवोकैडो में 14000 से भी अधिक फोटोलिटिक केमिकल होेते हैं । इतने पौष्टिक
तत्वों से पूर्ण होने के कारण यह शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को भी बढ़ाने में मदद
करता है । एवोकैडो 10 या 12 मीटर के रूप में उच्च तक पहुँच जाता है जो एक बारहमासी
पौधा है । एवोकैडो फल, अंडाकार गोलाकार या अंडाकार लम्बी एक डूररूप् मांसल, नाशपाती
के आकार है इसका रंग हल्के या गहरे हरे , बैंगनी या काला हो सकता है । एवोकैडो
विटामिन ई, ए, बी1, बी3, डी और जैसे लोहा, फास्फोरस और मैग्नीशियम के साथ ही फोलिक
एसिड, नियासिन और बायोटिन के रूप में एक हद तक कम सी, खनिज के लिए होता है ।
एवोकैडो का औषधीय मूल्य है इसका तेल निष्कर्णण, शैम्पू, और सौंदर्य प्रसाधन, क्रीम
और त्वचा कलीन्जर के कच्चे माल में उपयोग किया जाता है । एवोकैडो पेड़ ठंड के प्रति
संवेदनशील होता है । पेड़ों में फूल दिसम्बर से मार्च और सबसे ज्यादा फूल अगस्त से
अक्टूबर में लगते हैं । फल नियमित रूप से गोल या नाशपाती के आकार रहे हैं । बीज से
तेल निकाला और सौंदर्य प्रसाधनों में इस्तेमाल किया जा सकता है । दवा के रूप इसके
कई उपयोग हैं । इसके फूल हरे , सफेद होते हैं । एक ही बीज के अंदर के साथ गोलाकार
या नाशपाती के आकार का हरा या हरा, भूरा जब पकता है 4-8 $ 8-10 सें.मी. के फल होते
हैं ।
एवोकैडो बालों की देखभाल, त्वचा की
देखभाल , चेहरे मास्क से लेकर सौंदर्य उपचार में प्रयोग किया जाता है । एवोकैडो
में 23 प्रतिशत पाया जाता है ।
मखनफल (एवोकैडो) मूल रूप से अमेरिकी महाद्वीप से आया यह फल भारत में मखनफल के नाम से मिलता है । इस फल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है एवोकैडो में एंटी-आॅक्सीडेंटस भी होते हैं जो त्वचा की सुरक्षा करती है । एवोकैडो आपकी त्वचा की कोशिकाओं को दोबारा बनने में मदद करता है और इससे आपकी त्वचा को जंवा और ताजा लुक मिलता है ।
एवोकैडो यानि रूचिरा नामक पहाड़ी फल
के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है । इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन
बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावर बढ़ाने और ऊर्जा देने में
मददगार है । इसका नियमित सेवन महिलओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है ।
बेजोड़ है एवोकैडो - इसमें
कुदरती एंटी इन्लैमटरी तत्व होते हैं, जो जलन कम करते हैं । इसमें विटामिंस
और पोषक तत्व भी होते है। 1-2 एवोकैडो को काटकर बीच वाला हिस्सा (गूदा) मसल लें ।
इसमें थोड़ा आॅलिव आॅयल और ऐलोवेरा जेल मिलाकर लगाएं । तब तक लगा रहने दें जब तक कि
इसका रंग बदल न जाए । फिर त्वचा को गीला करके गीली रूई से हलके से साफ करें । अब
ठंडे पानी से धो लें ।
एवोकैडो यानि रूचिरा नामक पहाड़ी फल
के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है । इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन
बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावन बढ़ाने और ऊर्जा देने में
मददगार है । इसका नियमित सेवन महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है
।
घरेलू उपाय जो गंजेपन को दूर भगाये
- एवोकैडो और नारियल के दूध के इस्तेमाल से बालों का झड़ना बंद होता है और नए बाल
आने लगते हैं । इसके लिए एवोकैडो, नारियल के दूध और नीबू के रस को मिलाकर मिश्रण
तैयार कर लें । अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों में मालिश करंे और लगभग आधे घंटे के
लिए छोड़ दें । एक हल्के शैम्पू का उपयोग कर अपने बालों को धो लें । फायदा होगा ।
नाशपाती के समान दिखने वाले रूचिरा
या एवोकाडो को पहले सब्जी की प्रजाति का मानते थे पर यह एवोकाडो फल की श्रेणी में
आता है और स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद है । इस फल में प्रोटीन, रेशे, नियासिन, थाइमिन, राइबोफलेविन, फोलिक एसिड
और जिंक जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं । ऐवोकाडो में कोलेस्टोल की
मात्रा बिलकुल नहीं पाई जाती है इसलिए कहावत ‘‘ एवोकाडो ए डे ’’ कहें तो
अतिश्योक्ति नहीं होगी । एवोकाडो को लम्बाई में काट कर बीच का गूदा चम्मच से निकाल
कर उसे टमाटर, प्याज और लहसुन के साथ मिलाकर सेंडविच बनाकर खा सकते हैं । एवोकाडो में ऐसी वसा होती है जो
शरीर के लिए आवश्यक होता है । इसका जूस पीने से आपका पेट पूरे दिन भरा रहेगा और आप
ओवर ईटिंग नहीं करेंगें । एवोकाडो में काफी मात्रा में
कैलोरी पाई जाती है, जो हृदय के रोगों से हमें बचाती है । इसमें कोलेस्टोल की मात्रा बिल्कुल नहीं पाई
जाती । एवोकाडो इसमें अच्छी मात्रा में फैट पाया जाता है दिमाग तक ब्लड फ्लो को तेज
करता है ।
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