बाज - विलुप्त होते पक्षी (संरक्षण
आवश्यकता)
बाज या गरूड़ एक ऐसा पक्षी है जो
चिड़ियों या छोटे पक्षियों के साथ न उड़ कर आकाश की ऊंचाईयों में अकेला उड़ता है ।
बाज है पक्षियों का राजा , वह बहुत ही ताकतवर और विशाल होता है । बाज की नजर बंहुत
पैनी होती है । वह 5 किलोमीटर की दूरी से भी अपने शिकार को पहचान लेता है और फिर
उस पर अपनी पैनी नजर गडा कर रूकावटों की परवाह किये बिना उन्हें पार करते हुए एक
ही झप्पटे में शिकार को अपने पंजों में दबोच लेता है । बाज मरे हुए शिकार पर जीवत
नहीं रहते वह स्वंय शिकार करते हैं । केवल गिद्ध ही मरे हुए शिकार पर पलते हैं,
बाज नहीं । बाज पक्षी को तूफान और
बबंडर बहुत पसंद होते हैं वह तेज हवाओं के बहाव का सहारा ले कर बादलों से भी बहुत
ऊपर उठ जाते हैं । तूफानी हवाओं से बचने
के लिये जब दूसरे पक्षी घोंसलों एवं पेड़ों की शाखाओं में छुप जाते हैं उस समय बाज
तुफानी हवा पर तैरते हुआ अपने पंखों को विश्राम देता है । बाज पंजाब का राज्य
पक्षी है ?ं परन्तु बाज उर्दू भाषा का शब्द है । मादा को ही बाज कहा जाता है । नर
बाज को जुर्रा कहते हैं और बाज जुर्रा से आकार में बड़ी होती है । बाज को लोग शिकार
करने के लिए पालते थे । बाज तीतर, खरगोश, मुर्गावी, सांप, या चूहों को शिकार बनाते
हैं । वर्तमान में पंजाब का राज्य पक्षी बाज संकट में है क्योंकि इसकी कमी होने
में मोबाईल टावरों इलैक्टोमगनैटिक रेडिएशन एवं कीटनाशकेां पैस्टीसाईडस का बहुत
उपयोग से बाज के अंडों पर बुरा असर हुआ है जिससे पक्षी अपने शरीर की गर्मी से
नाकाम हो रहे हैं । बाज हमेशा अपने इलाके और अपनी
जिंदगी का स्वामी होता है । बाज से सीखें सफलता के लिए 7 गुण:
1. बाज हमेशा बाज के साथ उड़ते हैं - बाज का विजन बहुत सटांग होता है । वो आसमान से
5 किलोमीटर से शिकार को देख लेता है । हमेशा अपनी नजर वहां पर केंद्रित रखता है
चाहे जितनी भी चुनौतीयां आएं तब तक उस शिकार से नजर नहीं हटाता जब तक उसे हासिन न
कर ले । कामयाबी हासिल करने के लिए मुश्किलों से नजर हटानी होगी और अपने लक्ष्य पर
ध्यान केन्द्रित करना होगा तभी आप जीवन में सफल होंगें । 2. बाज अपने दम पर
जिन्दगी जीते हैं - जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है दूसरे के कंधों पर तो जनाजे
जाते हैं । 3. बाज चुनौतियों का मजा लेता है -बाज ही ऐसा पक्षी है जो तूफानों से
प्यार करता है । मुश्किलों से चैलेंज लेकर आगे बढ़ सकते हैं । 4. बाज भरोसा करने से
पहले परीक्षा लेता है । 5. बाज खुद को और अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए तैयार
रहता है । 6. बाज जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए बेकार चीजों का त्याग करता है ।
पक्षियों में बाज की जिन्दगी सबसे ज्यादा 70 साल की है । 7. बाज कभी भी हार नहीं मानता
है - पुरानी आदतों को छोड़ना, नई आदतों को अपनाना, बेकार के ख्यालों को छोड़कर हम आज
चल रहे समय को अच्छा कर सकते हैं । बाज पक्षी तूफान और बबंडर बहुत
पसंद होते हैं वह तेज हवाओं के बहाव का सहारा ले कर बादलों से बहुत ऊपर उठ जाते
हैं और तूफानी हवाओं से बचने के लिए जब दूसरे पक्षी घौंसलों एवं पेड़ों की शाखाओं में छुप जाते हैं उस समय बाज तूफानी
हवा पर तैरते हुए अपने पखों (डैनों ) को विश्राम देते हैं ।
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