फालसा गर्मीयों का फल - औषधीय
गुणों से भरपूर
फालसा (ग्रेविया एशियाटिका)
गर्मियों के लोकप्रिय फलों में से एक है अपने अनोखे स्वाद की वजह से इसे हर कोई
पसंद करता है । इसकी तासीर ठंडी होने से यह हमारे शरीर को ठंडक पहुंचाता है ।
फालसा छोटे छोटे गोल-मटोल बेर के आकार के गहरे बैंगनी रंग के नरम और रसीले जिनका
स्वाद खट्-मिट्ठा होता है । फालसा खनिज लवण जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम,
फाॅस्फोरस, कैल्शियम , लोहा, साथ ही प्रोटीन, कार्बोहाइडेट,विटामिन ए और सी और
एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होता है । खटठे मीठे स्वाद वाले फालसे के फल में
विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इसके साथ ही सिट्रिक एसिड, एमीनो
एसिड, ग्रेवियानोल, बीटा एमिरिदीन, बेट्यूलीन, फ्रेडीलिन, किम्फेराल, क्वेरसेटिन,
ल्यूपिनोन, ल्यूपियाल, डेल्फीनिडीन, सायनीडीन, टेरेक्सास्टेरोल पाये जाते हैं ।
फालसे के रस को शान्त, ताजा और आसानी से पचने और गर्मी में प्यास से राहत पहुंचाने
वाला ट्रानिक कहते हैं । गर्मी के मौसम में लू लगने और उससे होने वाले बुखार से बचने का कारगर इलाज को फालसे का शेक पीना । यह मस्तिष्क की गर्मी और खुष्की दूर
करके तरोताजा रखता है । चिड़िचिड़ापन दूर करता है । उल्टी और घबराहट से बचाता है ।
फालसा पित्ताशय और जिगर की समस्याओं को दूर करता है । पेट की गड़बड़ी तथा अपच दूर
करता है और भूख बढ़ाता है । इसका कसैलापन शरीर से अतिरिक्त अम्लता कम करके पाचन
संबंधी विकार को दूर करता है । रक्तचाप और कोलेस्ट्रॅाल के स्तर को नियंत्रण के
लिए फालसे का सेवन बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें विटामिन सी और खनिज लवण और एंटी
आॅक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा मंे होते हैं जो कि हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है
। फलसा मंे रेडियोधर्मी क्षमता होने से यह कैंसर से लड़ने में सहायक है । खनिज लवण
जैसे तांबा और लोहा की अधिकता रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखते है तथा
एनीमिया का खतरा कम हो जाता है । फालसे को आप या तो कच्चा खा सकते हैं या इसका
शर्बत बना कर पी सकते हैं । अति सर्वत वर्जते । उमस भरी गर्मी से राहत दिलाता है
रसीला फालसा । फालसा पेड़ की पत्तियां और तने भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं त्वचा के कटने, छिलने, जलने, दर्दनाक चकते पड़ने, फोड़े होने, एक्जिमा, त्वचा संबंधी
रोगों में फालसा की पत्तियों को रात भर भिगोने के बाद पीस कर लगाने से बहुत लाभ
होता है । यह एंटीबायोटिक की तरह काम करती हैं । तने की छाल का अर्क बुखार को कम
करने और दस्त के इलाज में उपयोगी है । जड़ की छाल गठिया के इलाज के लिए उपयोगी है ।
फालसे के बीजों से तेल निकाला जाता है जो कि प्रजनन संबंधी विकारों में इस्तेमाल
होता है । गुस्से को कम करने के लिए फालसे का शरबत शहद के साथ पियें आराम आएगा ।
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